उज्जैन :जाने कॉसमॉस मॉल की जमीनी हकीकत

उज्जैन:नानाखेड़ा स्थित कॉसमॉस मॉल कहने को तो शहर का सबसे बड़ा, सर्वसुविधायुक्त शॉपिंग मॉल है लेकिन कॉसमॉस मॉल की जमीनी हकीकत से रूबरू होने पर कुछ और ही सच सामने आता है। जिसका अंदाजा महज कॉसमॉस मॉल के चारों तरफ रोड की दुर्दशा देखकर भी लगाया जा सकता है, जबकि यह रोड शहर के सबसे प्रमुख मार्गों में से एक है। वहीं निर्माण के पूर्व में ही कॉसमॉस मॉल को बनाने वाली कंपनी द्वारा मॉल के आसपास के क्षेत्र को भी सुंदर बनाये रखने के लिए बड़े-बड़े वादे किये गये थे लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका है।

गौरतलब है कि नानाखेड़ा स्थित कॉसमॉस मॉल जिसमें २० से अधिक ब्रांड प्रोडक्ट के शोरूम, तीन एसीयुक्त सिनेमा हॉल, हेल्थ क्लब, किड्स झोन, बिग बाजार, ब्यूटी-पार्लर, पिज्जा हट सहित अन्य फूड झोन और १२५ से अधिक छोटी-छोटी दुकानें हैं जहां रोज हजारों की संख्या में शहरवासी खरीदारी करने और मनोरंजन के लिए आते हंै। आमतौर पर मॉल के अंदर लोगों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं जैसे- लिफ्ट, एस्केलेटर, वॉशरूम, पीने का पानी, सुरक्षा, पार्किंग, साफ-सफाई आदि का होना जरूरी है लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मॉल केवल युवाओं के टाइम पास का स्थान बनकर रह जाएगा। वहीं कॉसमॉस मॉल के दुकानदारों का कहना है कि मॉल का मेंटेनेंस सही हाथों में नहीं हैं जिससे व्यापार और दशा दोनों ही लगातार बिगड़ती जा रही है। अब लोगों का आना भी कम हो रहा है।

 

ऊपर फ्लोर पर जाने की मशक्कत
मॉल में आये बच्चे एवं उम्रदराज लोगों ने अक्षरविश्व से चर्चा करते हुए बताया कि उन्हें कॉसमॉस मॉल में आना बहुत अच्छा लगता है लेकिन मॉल के एस्केलेटर बंद होने की वजह से उन्हें मॉल में फस्र्ट फ्लोर से सेकंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर तक जाने में काफी मशक्कत उठानी पड़ती है, इधर बच्चों को भी तीसरी मंजिल पर स्थित किड्स झोन तक जाने में परेशानी होती है।

 

बंद रहते हैं एस्केलेटर
कॉसमॉस मॉल के सेकंड और थर्ड फ्लोर के दुकानदारों ने मॉल के जनरल मैनेजर को कई बार एस्केलेटर बंद होने की शिकायत की लेकिन शिकायत के बावजूद भी मॉल में अधिकांश समय एस्केलेटर बंद ही रहते हैं। जिससे उनकी ग्राहकी प्रभावित हो रही है।

 

ग्राहकी का ५० फीसदी किराया
मॉल के थर्ड फ्लोर पर एक टेबल कुर्सी लेकर बैठे हस्तरेखा ज्योतिष पंडित जोशी ने बताया कि वे प्रत्येक ग्राहक से कम से कम २०० रुपए चार्ज करने के लिए मजबूर है, क्योंकि उन्हें मॉल में अपनी दुकानदारी चलाने के लिए प्रत्येक ग्राहक से लिए गये रुपए का ५० प्रतिशत मॉल में बैठने का किराया देना पड़ता है फिर भी सुविधाएं नहीं हैं।

एस्केलेटर बंद- बहुमंजिला कॉसमॉस मॉल में ऊपर-नीचे, चढऩे-उतरने के लिए तीन एस्केलेटर लगाए गए है लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में तीनों एस्केेलेटर कभी भी एक साथ चालू नहीं रहते हैं।

 

लिफ्ट बंद – कॉसमॉस मॉल को अन्य शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से भिन्न बनाने वाली लिफ्टों का उपयोग केवल कॉसमॉस मॉल के स्टाफ मेंबर्स द्वारा ही किया जा रहा है जो गलत है। मॉल में लगी लिफ्ट की सुविधा आम लोगों को भी मिलना चाहिए।

 

साफ-सफाई- मॉल में बेहतर सफाई की कमी है। बेसमेंट में पानी भरा रहता है। नालिया चौक हैं। बारिश के पानी के लिए उचित निकासी नहीं है। ऊपरी मंजिल को कूड़ा घर बना दिया है।

 

बेसमेंट की दुकानें बंद – मॉल के बेसमेंट में १३४ दुकानें हैं जिसमें से ३० से ३५ दुकानें ही चालू है, शेष १०० दुकानें बेहतर मैनेजमेंट के अभाव के चलते प्रभावित है। दुकानदारों के अनुसार बेसमेंट का व्यापार फेल है।

वॉटर कूलर कम- जरूरत के मुताबिक वॉटर कूलर नहीं हैं। पीवीआर में ३ सिनेमा हॉल के बीच पीने के पानी के लिए एक वॉटर कूलर और बेसमेंट के दुकानदारों के लिए एक वॉटर कूलर है।

 

बाउंसर- अधिकांश मॉलों में किसी भी प्रकार के बाहरी अपवाद से निपटने के लिए बाउंसर रखे जाते हंै लेकिन कॉसमॉस मॉल में एक भी सुरक्षागार्ड बाउंसर जैसा नहीं है। कॉसमॉस मॉल में सुरक्षा गार्डों की भर्ती केवल दिखावा मात्र है।

 

सुरक्षा में चूक- बिल्डिंग के बाहर लगा ट्रांसफार्मर खुला पड़ा है। इसे सुरक्षा की दृष्टि से कवर करके रखना चाहिए लेकिन इसे केवल बरसाती से ढंककर रखा है जिससे हादसा हो सकता है।

सौंदर्यीकरण- मॉल निर्माण करने वाली कंपनी ने पूर्व में ही मॉल के आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाये रखने के लिए जो वादे किये थे, वे कहीं नजर नहीं आते हैं। मॉल के सामने ही सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भरा हुआ है।

 

एस्केेलेटर के खराब उपकरण बाहर से मंगवातेे, बाकी सुविधाएं उपलब्ध
अक्षरविश्व ने जब कॉसमॉस मॉल के महाप्रबंधक दीपक शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कभी-कभी तकनीकि खराबी के कारण ऐसी स्थिति बनती है क्योंकि एस्केेलेटर के खराब उपकरण बाहर से मंगवाने पड़ते हैं। इसकेअलावा उन्होंने कुछ भी कहना उचित नहीं समझा।

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